क्या सोशल मीडिया का इस्तेमाल वास्तव में सेहत के लिए हानिकारक है, लेकिन कैसे?

क्या सोशल मीडिया का इस्तेमाल वास्तव में सेहत के लिए हानिकारक है, लेकिन कैसे?

रोहित पाल

आज सोशल मीडिया का इस्तेमाल कोई कर रहा है। मानो यह जीवन का हिस्सा बन चुका है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती जा रही है। अगर गौर करेंगे लोगों को इसे इस्तेमाल करने की लत सी हो गयी है। कहीं आप भी तो सोशल मीडिया के लती तो नहीं हैं? अगर नहीं तो सावधान हो जाएं क्योंकि सोशल मीडिया की लत से आप तनाव के साथ-साथ कई स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार बन सकते हैं। हाल ही में फोर्ब्स के आर्टिकल ने इस बात को बताया गया कि सोशल मीडिया इस्तेमाल करने से लोग कैसे प्रभावित होते हैं।

पढ़ें- स्टडी: ऑनलाइन वेब सीरीज और विडियोज बन रहे हैं नींद की बीमारियों की वजह

तनाव हो सकता है-

डिप्रेशन एंड एंग्जायटी जर्नल में 2016 में प्रकाशित एक स्टडी में बताया गया कि जो लोग ज्यादा  सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं वह डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं और उन्हें तनाव का सामना भी करना पड़ सकता है। खासतौर पर ऐसे लोग जिन्हें बार-बार सोशल मीडिया चेक करने की आदत होती है।

नींद की समस्या-

एक्टा पीड्रियाट्रिका जर्नल में छपी स्टडी के अनुसार 10 से 12 साल की उम्र वाले बच्चों की नींद सोशल मीडिया के कारण अधिक प्रभावित होती है क्योंकि बच्चों के लिए ये एकदम नई होती हैं जिस वजह से वह बहुत ज्यादा समय सोशल मीडिया पर बिताते हैं। 

खाने को कंट्रोल करना-

2017 में यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर (इग्लैंड) की स्टडी में सामने आया कि लोग सोशल मीडिया पर दुबले पतले लोगों की तस्वीर देखते हैं और उनके जैसा दिखने के लिए खाना-पीना छोड़ देते हैं। यही नहीं लोग उन फोटोज को देखकर खुद को ऐसा करने के लिए मजबूत भी कर लेते हैं।

यह ईर्ष्या पैदा कर सकता है-

आज के समय सोशल ईर्ष्या पैदा करने का सबसे बड़ा जरिया बनता जा रहा है। सोशल मीडिया के द्वारा लोगों पर पड़ने वाले प्रभाव में यह सबसे बड़ा प्रभाव है। एक तो सोशल मीडिया में तुलना कारक ईर्ष्या का कारण बनता है। सोशल मीडिया के जरिए लोग एक-दूसरे की पोस्ट देखते हैं और अपने अंदर जलन की भावना को बढ़ावा देते हैं और दूसरा सोशल मीडिया पर ऐसी समाग्री पोस्ट की जाती है जिसे देखकर लोगों न चाहते हुए ईर्ष्या की भावना पैदा होती है। इसके कारण भी मानसिक बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। अध्ययनों से निश्चित रूप से पता चला है कि सोशल मीडिया का उपयोग ईर्ष्या की भावनाओं को बढ़ावा देता है।

 

इसे भी पढ़ें-

दवा के साथ योग करने से कंट्रोल रहेगी डायबिटीज, एम्स के डॉक्टरों ने अध्ययन कर बताया

अब पार्किसंस का इलाज संभव, वैज्ञानिकों ने विकसित की नई दवा, ऐसे करती है काम

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।